इच्छा पात्र (Wish Box)
मानसश्री गोपाल राजू (राजपत्रित अधिकारी) अ.प्रा.
ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र
रूड़की 247667 (उ.ख.)
www.bestastrologer4u.com
गोपाल राजू की चर्चित पुस्तक
‘धनवान बनने के चमत्कारिक उपाय’
का सार संक्षेप
शोधपरक मूल लेख

(Wish Box)
‘‘तेरे चरणों की धूल मिल जाए
तो मैं तर जाऊ . . . ’’
क्या गुह्य भेद छिपा है ऐसी
धूल में जो किसी को भव सागर से भी पार करवा सकती
है। दिव्यता के गुणों से परिपूर्ण ऐसी धूल क्या वास्तव में कहीं अस्तित्व में
है ? यदि है तो क्या वह सुलभ हो सकती है? विषय सार की गहराई का क्या आपने गंभीरता से कभी चिन्तन-मनन किया है अथवा इस
गुप्तादिगुप्त तथ्य को व्यक्तिगत रुप में अनुभूत
करने का कोई क्रम-उपक्रम तलाशा है? देखा जाए तो दैहिक,
भौतिक और आध्यात्मिक तीनों सुखों की अनुभूतियों में मिट्टी का विशेष
स्थान है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सर्व सम्मति से इस पहलू को स्वीकार कर लिया
गया है कि मिटटी में रोगों से लड़ने की विलक्षण अवरोधक क्षमता छिपी हुई है। मिट्टी से
दूर होते जाएंगे तो नित्य नयी रोग-व्याधियॉ सताने लगेंगी। मिट्टी के गुणों से लाभ पाए
हजारों भुक्त भोगियों के उदाहरण प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्रत्यक्ष रुप से देखे
जा सकते हैं। आध्यात्मिक जगत में मिट्टी को पवित्र और पूजित माना जाता है। मिटटी का
तिलक, मिट्टी के विग्रह-पिण्ड आदि, मिट्टी
का शरीर, पंच तत्व में अन्ततः विलीन होता पंच तत्व का यह भौतिक
शरीर जैसी बातों का उल्लेख तो जन साधारण को नित्य-प्रति होता ही रहता है। आस्था कि
एक पराकाष्ठा तो ऐसी भी है कि तीर्थाटन से लौटे अपने परिजनों के पैरों की धूल अपने
सिर से लगाते हैं। उन्हें विश्वास है कि कभी किसी तीर्थ अथवा अन्य किसी सिद्ध स्थल
की कोई न कोई ऐसी रज उनके मस्तक से अवश्य लगेगी जो उनका कल्याण कर देगी। भौतिक सुखों
के तथ्य को समझने में पदार्थ तंत्र के मर्म को पहले समझना पड़ेगा। क्योंकि प्रस्तुत
उपाय पदार्थ तंत्र पर ही आधारित है।
कण-कण में प्रभु प्रदत्त अनुकंपा निहित है। प्रत्येक चैतन्य की तरह इन अचेतन
से लगने वाले कणें का भी अपना आभामण्डल है। इनमें से भी अनवरत विकिरण होता रहता है।
विज्ञान ऐसे पदाथरें के लिए यह तो कहता है कि इनका कुछ न कुछ प्रभाव किसी न किसी रुप
में हो अवश्य रहा है। परन्तु वह यह नहीं स्वीकारता की यह सब वैज्ञानिक है। विज्ञान
में इस विषय को लेकर एक ऐण्टी मैटर अर्थात् विरोधी पदार्थ की परिकल्पना अवश्य की गयी
है। यह पदार्थ अत्यन्त सूक्ष्म कणों से बने हैं। यह कण इलैक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, और प्रोजिटॉन
की ही तरह हैं। यह विरोधी परस्पर एक दूसरे से टकराने से उत्पन्न हो रहे हैं। इनका प्रत्यक्ष
अथवा परोक्ष रुप से प्रभाव हो अवश्य रहा है। परन्तु अरबों-खरबों मील दूर फैली आकाश
गंगा में एकत्रित हो रहे इन विरोधी पदाथरें को सोच पाना साधारण बुद्धि से परे है। और
उन सब से लाभ उठा पाना तो उससे भी कठिन। केवल इतना मान लीजिए कि विरोधी निर्जीव तत्वों
में भी चैतन्यता है, आभा है, गति है और
ऊर्जा है। जहॉ ऊर्जा है, वहॉ गति विवेचनात्मक है, तार्किक है और विज्ञान सम्मत भी। अपने एक रेडियोलॉजिस्ट मित्र की सहायता से
मैंने स्वयं पदार्थों की चैतन्यता के पी. आई. पी. फोटोग्राफी और लेचर एण्टिना जैसे
अति संवेदनशील यंत्रों की सहायता से प्रमाण अनुभूत किए हैं। पदार्थ तंत्र पर भौतिक
सुखों की प्राप्तियों के प्रयोग और विभिन्न उपाय मैं चिरन्तर करता आ रहा हॅू जो बौद्धिक
पाठक विषय के विस्तार में जाना चाहते है वह पदार्थ तंत्र से सम्बन्धित मेरी अन्य चर्चित
पुस्तकें भी देख सकते हैं।
सुधिपाठकों के लाभार्थ सिद्ध स्थलों की धूल-मिट्टी अर्थात् पदार्थ से सम्बन्धित
एक सरलतम परन्तु दिव्य उपाय लिख रहा हॅू। तंत्र साहित्य में यह सर्वथा अप्रकाश्य है।
अच्छा लगे तो आप भी प्रयोग करके देखें, क्या पता आपके हाथ तीनों
सुख दिलवाने वाला इच्छा पात्र लग जाए। उपाय में आपका कोई अर्थ लगेगा, यह श्रमसाध्य भी नहीं है और ना ही इसमें किसी समय, आयु
आदि का बंधन है।
पूरे वर्ष में होली, दीवाली, ग्रहण,
रवि पुष्य और गुरु पुष्य यह पॉच समय पदार्थ तंत्र के उपयोग करने के सर्वश्रेष्ठ
मुहूर्त सिद्ध होते हैं तथापि इष्ट सिद्धिनुसार आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न शुद्ध होरा
काल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
अपने बुद्धि-विवेक से उपाय श्री गणेश करने का मुहूर्त तय कर लें। इस काल में
किसी धातु का पात्र ले लें। कांसा धातु इसके लिए सर्वश्रेष्ठ है। अपनी सामर्थ्य के
अनुसार तांबा, सोना, चांदी का पात्र भी
ले सकते हैं और उसे सुन्दरता की दृष्टि से अलंकरण भी कर सकते हैं।
इस पात्र में थोड़ी सी ऐसी होलिका दहन की राख एकत्रित कर लें जो दहन से पूर्व
विधिवत पूजित की गयी हो। इसमें गूगुल की अगरबत्ती खड़ी कर के जला दें। यथा श्रद्धा-भाव
गणपति, अपने गुरु, इत्यादि का ध्यान करके
निम्न मंत्र की ग्यारह माला जप करेंः
‘‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं
मम सर्व वांद्दितम् देहि देहि स्वाहा।’’
यदि होली के अतिरिक्त अन्य किसी
मुहूर्त में यह प्रारम्भ कर रहे हैं तो होलिका की राख के स्थान पर किसी सिद्ध लक्ष्मी
नारायण मन्दिर की धूल अपने प्रयोजन के लिए ले लें। जप के बाद पात्र अपने घर, कार्यस्थल आदि में सुरक्षित रख दें। इसे ढक कर भी रख सकते हैं। इसके लिए सुन्दर
सा कांच का डब्बा भी बनवा सकते हैं। तदन्तर में कोई धूप, अगरबत्ती
यदि प्रयोग करते हों तो वह इसी पात्र में जलाया करें और उसकी अवशेष राख पात्र में ही
जमा होने दें। जब भी कभी आप किसी पवित्र स्थान, तीर्थ,
मन्दिर, समाधि आदि में जाएं तो अपने साथ वहॉ की
थोड़ी सी मिट्टी भी ले आया करें और पात्र में ‘‘ॐ नमो नारायणाय’’
मंत्र जप करते हुए एकत्र कर दिया करें। मिट्टी लाते समय श्रद्धा
यही जगाएं कि आप साधारण नहीं वरन किसी दिव्य ऊर्जा से आवेषित धूल पात्र में जमा कर
रहे हैं और उसका आवेश आपके भवन को आवेशित कर रहा है, ऊर्जावान
बना रहा है। जिन सिद्ध स्थलों पर आप प्रत्यक्ष न जा पा रहे हों और आपका कोई अन्य मित्र,
परिजन आदि सौभाग्य से वहॉ जा रहा है तो आप उससे भी पवित्र स्थानों की
मिट्टी मंगवा सकते हैं। डाक, कोरियर सेवा द्वारा भी अपने परिचितों
से आप अलग-अलग पवित्र स्थानों की मिट्टी मंगवाकर जमा कर सकते हैं। अपने अन्य इष्ट-मित्रों
को भी आप यह उपाय करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और उनसे परिवर्तनार्थ मिट्टी का
आदान-प्रदान कर सकते हैं। श्रद्धा-भाव यही है कि आपके पात्र में अधिक से अधिक सिद्ध
स्थानों की मिट्टी जमा होती रहे। सैकड़ों पवित्र स्थानों की मिट्टी आपके स्थान को एक
दिव्य तीर्थ बना देगी। पता नहीं कहॉ की मिट्टी, किसकी चरण रज,
कहॉ की मिट्टी में समायी दिव्यता आपके प्रतिष्ठान को ऊर्जावान बना दे।
इतने सारे तीथरें, सिद्धस्थलों की मिट्टी से भरा पात्र अपने में
एक सिद्ध विग्रह, यंत्र, टोटका और न जाने
क्या-क्या दिव्यता से पूर्ण एक इच्छा पात्र बन जाएगा।
अपनी श्रद्धा, समय और लगन से मंत्र जप अवश्य करते रहें।
जब लगे कि पात्र अगरबत्ती की राख अथवा मिट्टी से भरने लगा है तो उसे थोड़ा सा खाली कर
दें और वह दिव्य मिट्टी अपने भवन, प्रतिष्ठान आदि में ही छिड़क
दिया करें।
मानसश्री गोपाल राजू (वैज्ञानिक)
(राजपत्रित
अधिकारी) अ.प्रा.
30, सिविल
लाईन्स
रूड़की
247667 (उ.ख.)
www.gopalrajuarticles.webs.com
TAG:- Wish Box,गुह्य भेद,प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति,आध्यात्मिक जगत,तीर्थाटन,आभामण्डल,इलैक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन,आकाश गंगा,होली, दीवाली, ग्रहण, रवि पुष्य, सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, होरा काल,होलिका दहन,नारायण मन्दिर,ॐ नमो नारायणाय,दिव्य ऊर्जा,चरण रज,सिद्धस्थलों की मिट्टी से भरा पात्र,इच्छा पात्र, Gopal raju, Best Astrologer in India
Astrology, Best Astrologer, Numerology, Best Numerologist, Palmistry,Best Palmist,
Tantra, Best Tantrik, Mantra Siddhi,Vastu Shastra, Fangshui , Best Astrologer in
India, Best Astrologer in Roorkee, Best Astrologer In Uttrakhand, Best Astrologer
in Delhi, Best Astrologer in Mumbai, Best Astrologer in Channai, Best Astrologer
in Dehradun, Best Astrologer in Haridwar, Best Astrologer in Nagpur, Gemologist,
Lucky Gemstone, Omen, Muhurth, Physiognomy, Dmonocracy, Dreams, Prediction, Fortune,
Fortunate Name, Yantra, Mangal Dosha, Kalsarp Dosh, Manglik,Vivah Mailapak, Marriage
Match, Mysticism, Tarot, I Ch’ing, Evil Spirits, Siddhi, Mantra Siddhi, Meditation,
Yoga, Best Teacher of Yoga, Best Astrologer in Rishikesh, Best Astrologer in Chandigarh,
Best Astrologer in Mumbai, Best Astrologer in Pune, Best Astrologer in Bhopal, Best
Articles on Astrology, Best Books on Astrology,Face Reading, Kabala of Numbers,
Bio-rhythm, Gopal Raju, Ask, Uttrakhand Tourism, Himalayas, Gopal Raju Articles,
Best Articles of Occult,Ganga, Gayatri, Cow, Vedic Astrologer, Vedic Astrology,
Gemini Sutra, Indrajal Original, Best Articles, Occult, Occultist, Best Occultist,
Shree Yantra, Evil Eye, Witch Craft, Holy, Best Tantrik in India, Om, Tantrik Anushan,
Dosha – Mangal Dosha, Shani Sade Sati, Nadi Dosha, Kal Sarp Dosha etc., Career related
problems, Financial problems, Business problems, Progeny problems, Children related
problems, Legal or court case problems, Property related problems, etc., Famous
Astrologer & Tantrik,Black Magic, Aura,Love Affair, Love Problem Solution, , Famous
& Best Astrologer India, Love Mrriage,Best Astrologer in World, Husband Wife Issues,
Enemy Issues, Foreign Trip, Psychic Reading, Health Problems, Court Matters, Child
Birth Issue, Grah Kalesh, Business Losses, Marriage Problem, Fortunate Name