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लवंग

गोपाल राजू की चर्चित पुस्तक, 'तंत्र के सरल उपाय' का सार-संक्षेप
मानसश्री गोपाल राजू
अ.प्रा. वैज्ञाननक
ससववल लाइन्स
रुड़की - 247 667
'लसलत लवंग लता पररशीलन,
कोमल मलय शरीरे......'
महाकवव जयदेव की अमृत वाणी लवंग के ववषय में इन दो पंक्ततयों में सब कुछ कह गयी।
लवंग(Clove) एक मध्यम आकार का सदाबहार वृक्ष से पाये जाने वाला बबना फिला हुआ पुष्प है। खाने के प्रेसमयों के सलए स्वाद और आयुवेद में औषधीय गुणों के भण्डार को अपने में समेटे हुए होने के कारण इसका व्यापक रूप से प्रयोग सैकड़ों वषों से होता रहा है। पूजा
पद्यनतयों के साथ-साथ तंत्र शास्त्रों में लवंग का स्थान बहुत ही महत्वपूणि माना गया है। अनेक ऐसी साधनाएं हैं जो लवंग के बबना पूणि ही नहीं मानी जातीं। प्रेत बाधा, वशीकरण, जम्बूकी अथाित् ससयार ससंघी साधना, भुजयुग्म अथाित् हाथा जोड़ी साधना आदद अनेकों में लवंग का प्रयोग आवश्यक रूप से फकया जाता है।
1. लौंग तथा कपूर और इलायची जलाकर उसकी बनी राख को घर के मुख्य द्वार पर छोड़ ददया करें वास्तु दोष जननत दोष दूर होंगे।
2. दो िूलदार लौंग चांदी की छोटी सी कटोरी में कपूर के साथ ननत्य चौका ससमटने के बाद जला ददया करें, अन्नपूणाि मााँ की कृपा बनी रहेगी ।
3. धन प्राक्तत की कामना के सलए लक्ष्मी जी को ननत्य दो लौंग अवपित करें।
4. लौंग को भांगड़ा के रस में नघसकर लेप बनाएाँ और 'ऊाँ नमो भगवते शत्रुणां बुविस्तम््य कुरु-कुरु स्वाहा' मंत्र जप करते रहें, शत्रु आपके वश में होने लगेंगे।
5. जन्मपत्री में यदद राहु दोष के कारण कष्ट भोग रहे हैं
तो रवववार के ददन लौंग दान कर ददया करें। स्वास््य लाभ के सलए घर में लौंग का पौधा लगाना बहुत उपयोगी ससि होता है।
6. नवरात्रों में 'ऊाँ ऐं ह्री तलीं चामुण्डायै ववच्चे' मंत्र जपकर लौंग, गोघृत, शतकर तथा गोला र्गरी से अक्ग्न में पााँच आहुनतयााँ ददया करें, मााँ की कृपा पररवार पर बनी रहेगी।
7. मानससक संत्रास, अननद्रा आदद से यदद पीड़ड़त हैं तो चमेली के तेल में कुछ लौंग डालकर उसका दीपक अपने शयन कक्ष में जलाया करें। दुुःस्वतन के कारण यदद रात में मन अक्स्थर रहता है तो सोने से पूवि कपूर के साथ दो लौंग जलाकर पांच बार मंत्र 'ऊाँ स्वतनेवराय नमुः' जप कर सलया करें।
8. अमावस्या की राबत्र को कपूर के साथ दो लौंग जलाएाँ। राख से उस व्यक्तत का नाम सादे कागज पर सलखें जो आपको आपका पैसा नहीं लौटा रहा अथवा अन्य फकसी अन्यायपूणि कृत्य से आपको तंग कर रहा है। कागज को अपने दाएाँ पैर से फकसी वीराने स्थान में दबा दें। व्यक्तत आपकी सुनने लगेगा।
9. दो िूलदार लौंग लें उनको अपनी जीभ पर ऊपर से नीचे तक फिराएाँ और उस व्यक्तत को फकसी भी रूप में खाने में दे दें क्जसको अपने वश में करना है, उसका प्रबल आकषिण होने लगेगा।
10. दो लौंग 'ऊाँ ऐ ह्री तलीं चामुण्डायै ववच्चे (अमुक) िट् उच्चाटन कुरु कुरु स्वाहा' मंत्र से असभमंबत्रत करके फकसी भी रूप में उस व्यक्तत को खखला दें, क्जसका उच्चाटन करना है।
11. दो लौंग उस समय मुाँह में रख लें जब फकसी साक्षात्कार, ववशेष इष्ट ससवि अथवा अन्य फकसी आवश्यक कायि आदद के सलए घर से ननकल रहे हों। उनके अवशेष उस स्थान पर चुपके से र्गरा दें जहां से कायि होने हैं अथवा जहााँ पर आप साक्षात्कार दे रहे हैं। आपका कायि अवश्य ही ससि होगा।
12. दो लौंग 'वषट् ऐं ह्री तलीं चामुण्डयै ववच्चे (अमुक) वषट् में वशय कुरु कुरु स्वाहा' मंत्र से असभमंबत्रत करके व्यक्तत को फकसी भी रूप में खखला दें, उसका प्रबल वशीकरण होने लगेगा।
13. चालीस ददन तक फकसी भी समय ग्यारह लौंग मााँ सरस्वती के र्चत्र अथवा यंत्र पर 'ऊाँ त्रं ऊाँ' मंत्र जप कर अवपित कर दें। अक्न्तम ददन जमा हुए सब लौंग दक्षक्षण ददशा में कहीं दबा दें। सशक्षा के प्रनत आपकी अरुर्च दूर होने लगेगी।
14. लौंग और जायिल से ननत्य हवन फकया करें, घर में प्रेतबाधा से हो रही अशांनत शांत होन लगेगी।
मानसश्री गोपाल राजू
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